प्रिय हेतिका राघव
सदा खुश रहो
एक पत्र तुम्हें
अपने दादू की और से
तुम कितनी खुश नसीब हो कि
बड़े दादा श्री पदम् सिंह राघव और बड़ी दादी श्रीमती सुदर्शन राघव
का
आशीर्वाद तुम्हारे सिर पर हमेशां बना रहेगा
बेटा तुम्हें स्वाभिमान एवं अभिमान होना चाहिये
कि
तुम्हें सन्नी जैसा पापा मिला और मनीषा जैसी मम्मा
कितना प्यार करतें हैं सब
तुम्हारी दादी ललिता राघव का प्रतिबिम्ब बनना
सब रास्ते अपने आप मंज़िल तक पहुंचा देंगे
और
पता है
तुम्हे सबसे ज्यादा प्यार कौन करता है
वह है
तुम्हारी प्यारी सी भुआ नेहा राघव
भुआ कितनी अच्छी है कि,
हर पल
मैं
नेहा
और छुटकी अरे नहीं हेतिका
को
सन्नी और मनीषा से ज्यादा प्यार करता हूँ
भगवान तुम्हें और तुम्हारे मम्मी पापा और भुआ
को
खुश स्वस्थ और सानन्द रखे
ढेर सारे प्यार के साथ
खुश रहो
तुम्हारा
दादू
सदा खुश रहो
एक पत्र तुम्हें
अपने दादू की और से
तुम कितनी खुश नसीब हो कि
बड़े दादा श्री पदम् सिंह राघव और बड़ी दादी श्रीमती सुदर्शन राघव
का
आशीर्वाद तुम्हारे सिर पर हमेशां बना रहेगा
बेटा तुम्हें स्वाभिमान एवं अभिमान होना चाहिये
कि
तुम्हें सन्नी जैसा पापा मिला और मनीषा जैसी मम्मा
कितना प्यार करतें हैं सब
तुम्हारी दादी ललिता राघव का प्रतिबिम्ब बनना
सब रास्ते अपने आप मंज़िल तक पहुंचा देंगे
और
पता है
तुम्हे सबसे ज्यादा प्यार कौन करता है
वह है
तुम्हारी प्यारी सी भुआ नेहा राघव
भुआ कितनी अच्छी है कि,
हर पल
मैं
नेहा
और छुटकी अरे नहीं हेतिका
को
सन्नी और मनीषा से ज्यादा प्यार करता हूँ
भगवान तुम्हें और तुम्हारे मम्मी पापा और भुआ
को
खुश स्वस्थ और सानन्द रखे
ढेर सारे प्यार के साथ
खुश रहो
तुम्हारा
दादू
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