डॉ. मुकेश जी , आप का काव्य संग्रह काफी मार्मिक तो है ही , परंतू प्रस्तुती ने मार्मिकता को ढक ते हुए , काफी कुछ कह दिया ., भावनाएं तो मानो आप के पास भागी चली आ रहीं हैं . धन्यवाद
डॉ. मुकेश राघव , मेरे समझ से परे है कि एक डाक्टर , इतना अच्छी रचना कैसे कर सकता है ? कृपया अन्यथा न लेंवे ? रचनाएँ बहुत अच्छी हैं कि उनके बारे में कुछ कहना बेमानी होगा .
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डॉ. मुकेश जी , आप का काव्य संग्रह काफी मार्मिक तो है ही , परंतू प्रस्तुती ने मार्मिकता को ढक ते हुए , काफी कुछ कह दिया ., भावनाएं तो मानो आप के पास भागी चली आ रहीं हैं .
धन्यवाद
डॉ. मुकेश राघव , मेरे समझ से परे है कि एक डाक्टर , इतना अच्छी रचना कैसे कर सकता है ? कृपया अन्यथा न लेंवे ? रचनाएँ बहुत अच्छी हैं कि उनके बारे में कुछ कहना बेमानी होगा .
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