भोला , समझता है , इन्सान
ईश्वर को
एक खिलौना
समझते हैं लोग ईश्वर को,
कि
माफ कर देगा .
वह लाखों पाप ,
अत्याचार
और
अन्याय , मात्र एक बार , उसकी आराधना करने से
पर शायद नहीं.
बस
हंस कर कह देगा
अरे इन्सान !!
पहले मेरी परीक्षा में पास तो हो जा
पहले मेरी परीक्षा में पास तो हो जा
और मन ही मन बुदबुदयेगा
कितना नासमझ है ये मानव मन और उतना ही कमजोर .
मेरी परीक्षा में तो कोई फेल नहीं होता !!!!
मेरी परीक्षा में तो कोई फेल नहीं होता !!!!
-डॉ. मुकेश राघव
4 comments:
डॉ. मुकेश जी , आप का काव्य संकलन , अति सुंदर ब्लॉग पर देखा , पेशे से डाक्टर और रुचि कविता में भी . अति सुंदर .
आप साधुवाद के पात्र हैं .
डॉ. मुकेश राघव जी , कविताओं का संकलन और प्रस्तुती काफी प्रभावशाली , संवेंदंशील और मार्मिक हैं . ईश्वर ... के बारे में कविता एक कटु सत्य है .
धन्यवाद
dr.saheb aapaki rachanayen padkar to esaa lagata hai aap hindi m doctret kiye hai etani sahaj saras staya sadhuwad
Dr. raghav , Hum general public person do not have any support and God is the suppot with us. Where to go .....NASAMAJH , word was not palatable.
Jai Shri Ram
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